Dussehra 2022: रावण के 10 सिर के पीछे की कहानी जानिए

रावण के दस सिर दस पापों की दस कमजोरियों का प्रतीक हैं जिनसे हर एक व्यक्ति को छुटकारा पाना चाहिए. इसमें काम, क्रोध, लोभ, मोह, द्वेष, घृणा, पक्षपात, अहंकार, व्यभिचार और धोखा शामिल है.

The symbolism of Ravana’s 10 heads
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 24 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:47 PM IST
  • रावण के 10 सिर बुराई के प्रतीक थे
  • इसमें काम, क्रोध, लोभ, मोह, द्वेष, घृणा, पक्षपात, अहंकार, व्यभिचार और धोखा शामिल है.  

10 Heads Of Ravana: जब कभी रावण का जिक्र आता है हमारे दिमाग में 10 सिर जरूर आ जाते हैं. लेकिन ऐसे बहुत कम लोग है जो रावण के 0 सिर के पीछे की हकीकत जानते होंगे. चलिए आज  रावण के 10 सिर के पीछे की कहानी जानते हैं. 

सच में थे रावण के 10 सिर ? 

रावण के 10 सिर को लेकर  2 तरह की धारणाएं बनी हैं.  कुछ लोगों का मानना है कि रावण के 10 सिर नहीं थे, ऐसा बस भ्रम पैदा होता था.  तो वहीं कुछ लोगों का मानना है कि रावण 6 दर्शन और 4 वेदों का ज्ञाता था इसलिए उसके 10 सिर थे. इस वजह से  रावण को दसकंठी भी कहा जाता है. 

10 सिर का मतलब

मान्यता है कि रावण के 10 सिर बुराई के प्रतीक थे. इसका जिक्र अभिषेक कुमार की सीरीज breathe into the shadows में भी किया गया है.  इन 10 सिर का अलग-अलग मायने भी हैं.  इसमें काम, क्रोध, लोभ, मोह, द्वेष, घृणा, पक्षपात, अहंकार, व्यभिचार और धोखा शामिल है.  

रावण ने अपने सर की बली दी थी

पौराणिक कथाएं ये भी कहती हैं कि रावण भगवान शिव सबसे बड़ा भक्त था. इसलिए रावण ने शिव भगवान को खुश करने के लिए बहुत कठोर तप किए थे.  एक बार भगवान शिव को खुश करने के लिए रावण ने अपना सिर का बलिदान किया. 

 

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