Importance Of Coconut: नारियल का देवी-देवताओं की पूजा-पाठ में क्यों होता है इस्तेमाल?  जानिए इस श्रीफल का धार्मिक महत्व

Nariyal ka Dharmik Mahatva: हिंदू धर्म नारियल को बहुत ही शुभ माना जाता है. देवी-देवता की पूजा तो बिना नारियल के संपन्न ही नहीं मानी जाती है. नारियल का जल, गिरी और खोल तीनों को ही पूजा में अलग-अलग तरह से प्रयोग किया जाता है. आइए इस श्रीफल का धार्मिक महत्व जानते हैं. 

Nariyal ka Dharmik Mahatva
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 21 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:06 PM IST

हिंदू धर्म नारियल को बहुत ही शुभ माना जाता है. नारियल का फल हर पूजा-उपासना में संपन्नता के लिए प्रयोग किया जाता है. देवी की पूजा तो बिना नारियल के संपन्न हो ही नहीं सकती. नारियल को माता लक्ष्मी जी का स्वरुप माना जाता है, इसलिए इसको श्रीफल भी कहा जाता है. नारियल का जल, गिरी और खोल तीनों ही पूजा में अलग-अलग तरह से प्रयोग होते हैं.

नारियल में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का होता है वास 
नारियल का स्वरुप मानव की खोपड़ी की तरह होता है. पौराणिक काल में मानव की बलि की प्रथा को समाप्त करने के लिए नारियल को बलि के विकल्प के रूप में उपयोग किया जाने लगा. ऐसा माना जाता है कि नारियल में तीन प्रमुख देवताओं ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है. नारियल पर बनी तीन आंखें भगवान शिव के त्रिनेत्र की तरह मानी जाती हैं.

यही वजह है कि इसे देवताओं को अर्पित करना बेहद शुभ माना जाता है. भगवान गणेश को नारियल बहुत प्रिय है और उन्हें विघ्नहर्ता कहा गया है. इसलिए कोई भी काम शुरू करने से पहले नारियल अर्पित कर गणेश जी का आशीर्वाद लिया जाता है. ज्योतिष में नारियल को चंद्रमा का प्रतीक माना गया है. चंद्रमा मन का कारक होता है और नारियल पानी मन को शांत करता है. यही वजह है कि कई बार टोने-टोटके या ऊपरी बाधा से बचने के लिए नारियल से घर की शुद्धि की जाती है. नारियल पानी का छिड़काव करने से घर का माहौल भी शांत और सकारात्मक होता है.

नारियल के फल का आयुर्वेदिक और औषधीय महत्व 
नारियल का फल पाचन तंत्र और मुख रोगों के लिए काफी उत्तम होता है. इसका जल एसिडिटी, ह्रदय की जलन में रामबाण औषधि है. इसको नियमित रूप से खाने से त्वचा की समस्या दूर होती है और याददाश्त तीव्र होती है. माना जाता है कि गर्भावस्था में नारियल खाने से स्वस्थ और तेजस्वी संतान पैदा होती है. 

नारियल के प्रयोग से किस प्रकार की बाधा होती है दूर 
शनिवार को एक नारियल ले लें. किसी नदी के किनारे खड़े होकर इसको अपने सिर पर से नौ बार घुमा लें. दोनों हाथों से बहते हुए जल में नारियल प्रवाहित करें. नारियल के इस प्रयोग से किस प्रकार की भी स्वास्थ्य की बाधाएं दूर हो सकती हैं. हर मंगलवार को मां दुर्गा को लाल फूल और एक नारियल अर्पित करें. इसके बाद ॐ दुं दुर्गाय नमः का 108 बार जाप करें. जाप के बाद नारियल एक बार में तोड़ दें. सबसे पहले स्वयं नारियल खाएं. ये प्रयोग कम से कम तीन मंगलवार करें. ऐसा करने से  नकारात्मक ऊर्जा और बाधाएं दूर हो जाएंगी. 

मां लक्ष्मी की कृपा से आपको सुख-शांति और धन-समृद्धि की प्राप्ति होगी. यदि काम लंबे समय से नहीं पूरा हो रहा है तो पूजा में नारियल चढ़ाना और फिर उसे लाल कपड़े में लपेटकर बहते जल में प्रवाहित करने से वह कार्य सफल होने की संभावना बढ़ जाती है. विवाह, गृह प्रवेश, या व्यापार जैसे किसी भी नए और शुभ कार्य की शुरुआत में नारियल चढ़ाकर शुभता की कामना की जाती है. कोई भी शुभ कार्य करने से पहले नारियल को फोड़ने से नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है और काम बिना रुकावट के पूरा होता है. 


 

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