अच्छी बात के इस एपिसोड में पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने सुखी जीवन के सात अमूल्य सूत्र बताए, जिसमें श्रोताओं को भौतिक धन से हटकर आध्यात्मिक शांति पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया. बाबा बागेश्वर ने संतोष, क्षमा और परिश्रम के महत्व पर जोर देते हुए इंदौर के एक काल्पनिक सेठ 'चंगीलाल' की कहानी सुनाई. चंगीलाल इस बात से चिंतित थे कि उनकी संपत्ति केवल नौ पीढ़ियों तक ही चलेगी, जिस पर उन्होंने कहा, 'हमें चिंता ये है कि नौ पीढ़ियां तो बैठे बैठे खा लेगी पर दसमी का क्या होगा?' यह कथा इस बात पर प्रकाश डालती है कि सच्ची खुशी और शांति धन-दौलत से नहीं, बल्कि ईश्वर के भजन और एक सरल, विनम्र जीवन जीने से मिलती है. प्रवचन में श्रोताओं से आग्रह किया गया कि वे बदला लेने में ऊर्जा बर्बाद करने के बजाय क्षमा करने और दूसरों को बदलने का प्रयास करें. देखिए अच्छी बात.