अच्छी बात के इस एपिसोड में पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने इस बात पर जोर दिया कि सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का केवल पाठ करना पर्याप्त नहीं है, उनके उपदेशों को समझना और उन्हें अपने जीवन में उतारना महत्वपूर्ण है. प्रवचन जीवन की क्षणभंगुर प्रकृति पर प्रकाश डालता है, जिसमें "पिंजरे से पंछी निकल जाएगा" (पक्षी पिंजरे से निकल जाएगा) के रूपक का उपयोग मृत्यु की अनिवार्यता को दर्शाने के लिए किया गया है. यह श्रोताओं से आग्रह करता है कि वे अवसर मिलने पर भक्ति और अच्छे कर्मों (भजन) में संलग्न हों, बजाय इसके कि वे सांसारिक भ्रमों ("जगत का झूठा झमेला") में उलझें. देखिए अच्छी बात.