अच्छी बात के इस एपिसोड में पंडित धीरेंद्र शास्त्री कह रहे है कि हनुमान जी ने लंका में भी तुलसी का पौधा और राम जी के आयुध देखकर सज्जनों के वास पर विचार किया. विभीषण ने राक्षसों की नगरी में रहते हुए भी राम की भक्ति नहीं छोड़ी, जबकि भारत में रहकर भी लोग भक्ति नहीं कर पाते. इसका एक कारण यह बताया गया कि लोग सोचते हैं 'यही तो है, चले जाएंगे' और इस कारण वे दर्शन से वंचित रह जाते हैं. अयोध्या और बागेश्वर धाम में विदेशी दर्शन कर रहे हैं, पर भारतीय नहीं जा पा रहे. धीरेंद्र शास्त्री कहते हैं कि भक्ति को बुढ़ापे के लिए नहीं छोड़ना चाहिए, जवानी में भक्ति करने से जीवन का आनंद आता है. मन भक्ति से दूर भागता है क्योंकि अंदर बैठे काम, क्रोध, वासना और ईर्ष्या जैसे पापों को लगता है कि उन्हें स्थान खाली करना पड़ेगा. जब तक मन के पाप बाहर नहीं निकलेंगे, भगवान का वास नहीं हो सकता. देखिए अच्छी बात.