प्राण प्रतिष्ठा के तीन चरणों का वर्णन किया गया, जिसमें आज अधिवास का कार्यक्रम है। कल, 5 जून को, नगर भ्रमण और फिर अभिजीत मुहूर्त में मूर्ति का नेत्रोन्मीलन होगा। कहा गया कि 'जैसे ही मूर्ति का नेत्र खोला जाता है वह पूरे चरा चर को देखने लगती है और आशीर्वाद देने में समर्थवान हो जाती है।'