सनातन धर्म में ज्येष्ठ माह के बड़ा मंगल का विशेष महत्व है, जिसका संबंध त्रेता युग में भगवान श्रीराम और हनुमान जी के प्रथम मिलन से है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन हनुमान जी ने प्रभु को पहचानकर उनके चरण पकड़ लिए थे, जैसा कि राम चरित मानस में वर्णित है "प्रभु पहचानी पर गई चरना सो सुख उमा जाई नहीं बरना"। इस दिन हनुमान जी की विशेष पूजा, उन्हें तुलसी दल की माला अर्पित करना और हलवा-पूड़ी का भोग लगाकर गरीबों में बांटने की परंपरा है।