बद्रीनाथ धाम के कपाट ब्रह्म मुहूर्त में विधि विधान से खोल दिए गए हैं, श्रद्धालु -5 डिग्री तापमान के बीच दर्शन कर रहे हैं. तीर्थ पुरोहित भास्कर राजपुरोहित के अनुसार, शास्त्र कहते हैं "बद्री सदृश्य तीर्थम न भूतो न भविष्यतो", अर्थात इसके जैसा तीर्थ न था, न है, न होगा. यहाँ स्थित अग्नि तीर्थ कुंड में स्नान का विशेष महत्व है, जहाँ श्रद्धालु अपने पापों का नाश करते हैं.