बद्रीनाथ धाम के कपाट खुल गए हैं. यह स्थान यथार्थ में भगवान शिव का है, परन्तु भगवान विष्णु के आग्रह और तपस्या के बाद यह उनका निवास कहलाया, जहाँ महालक्ष्मी ने बेर का वृक्ष बन उनकी रक्षा की. यहाँ आगामी 15 तारीख से 12 साल बाद पुष्कर मेला भी लग रहा है, जिसका ज्योतिषीय और पितृ तर्पण की दृष्टि से विशेष महत्व है.