धरती पर वैकुंठ माने जाने वाले बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने वाले हैं। चमोली स्थित इस मंदिर में नर नारायण विग्रह की पूजा होती है और यहाँ एक अखंड दीप जलता है, जिसे अचल ज्ञान ज्योति का प्रतीक माना जाता है। एक मान्यता के अनुसार, जब भगवान नारायण तपस्या कर रहे थे, तब माँ लक्ष्मी ने बेर के पेड़ का रूप धारण कर उन्हें बर्फ़ और हवाओं से बचाया था।