बुद्ध पूर्णिमा पर कई वर्षों बाद ग्रहों के विशेष संयोग बन रहे हैं, जिनमें सूर्य और बुध का बुधादित्य योग शामिल है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह पूर्णिमा भगवान बुद्ध के नौवें स्वरूप के अवतरण और ज्ञान प्राप्ति का दिन है। इस दिन दान, जप, तप और भगवान विष्णु व बुद्ध के मंत्रों का जाप विशेष फलदायी बताया गया है; एक कथा के अनुसार बुद्ध ने समझाया, 'जीवन और मृत्यु निश्चित होता है और जो आया है उसको जाना ही पड़ेगा।'