ज्योतिष के जानकार बुध ग्रह को कुंडली का सबसे सुकुमार ग्रह मानते हैं. यदि बुध बलवान हो तो यह वरदान के समान है, लेकिन कमजोर होने पर वाणी संबंधी दोष, शरीर में शुक्र संबंधी दिक्कतें, गुर्दे के रोग और बुद्धि का मलिन होना जैसी समस्याएं आ सकती हैं. विद्यार्थियों में बुद्धि की कमी आजकल सबसे ज्यादा देखने को मिलती है. ज्योतिष में बुध ग्रह को ग्रहों का राजकुमार कहा जाता है. यह बुद्धि, एकाग्रता, वाणी, त्वचा, सौंदर्य, सुगंध और व्यापार का कारक है. बुध ग्रह संचार और कान, नाक, गले से भी संबंध रखता है. बिना बुध के बुद्धि का होना लगभग असंभव है. जानकार बताते हैं कि यदि बुध कुंडली में शुभ ग्रहों के साथ हो तो व्यक्ति बुद्धिमान और सफल होता है. वहीं, कमजोर बुध मानसिक और शारीरिक कष्ट, वाणी में दोष और व्यापार में हानि दे सकता है. "बुधग्रह दिमाग, ब्रेन और पैसे का मालिक होता है. यदि यह कमजोर हो तो सफलता नहीं मिलती. इसका मुख्य प्रभाव धन और स्वास्थ्य पर है" बुध प्रदोष व्रत और भगवान शिव की उपासना से इन समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है. सावन महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर शिवास योग का निर्माण हो रहा है, जिसमें शिव अभिषेक से मनोवांछित फल मिलते हैं. हरे रंग की मिठाई चढ़ाना, छोटी कन्याओं को वस्त्र और चांदी दान करना भी बुध को प्रसन्न करने के उपाय हैं.