प्रयागराज के संगम तट पर स्थित आलोक शंकरी शक्तिपीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है। यहाँ देवी सती के दाहिने हाथ का पंजा गिरा था। इस मंदिर की विशेषता है कि यहाँ देवी की मूर्ति के बजाय एक पालने की पूजा होती है। माना जाता है कि यहाँ पूजा करने से संतान प्राप्ति होती है और मनोकामनाएँ पूरी होती हैं। नवरात्रि के दौरान यहाँ भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।