दिल्ली में ब्रॉडवे रामलीला का आयोजन हो रहा है, जो रामायण के चरित्रों की गहराई में उतरने का एक सफर है. यह मंचन युवाओं को रामायण से जोड़ने के लिए खास है. वाल्मीकि की लिखी रामायण को तकनीक और कलात्मकता के साथ महसूस करने का यह एक यादगार मौका है. पारंपरिक रामलीला के स्वरूप से हटकर, यह मंचन अब एक तकनीकी ताकत के रूप में प्रस्तुत हो रहा है. ब्रॉडवे रामलीला ने थ्री डी इफेक्ट्स, डिजिटल मंचन, एलईडी स्क्रीन और हाईटेक लाइटिंग के सहारे रामलीला को जीवंत स्वरूप दिया है. यह रामलीला तुलसीदास के रामचरित मानस पर नहीं, बल्कि वाल्मीकि की रामायण पर आधारित है. कलाकारों का मेकअप और वेशभूषा पात्रों की आत्मा को पर्दे पर उतारने की कोशिश है. एक कलाकार ने कहा, "आपको पहले उस कैरेक्टर को अपने अंदर लेके आना पड़ता है। अपनी ऐडेंटिटी भूल गए उस कैरेक्टर को जीना पड़ता है।" यह मंचन तकनीक और परंपरा का अद्भुत संगम है, जो हर पीढ़ी के लिए आकर्षक है. युवा जो मोबाइल और इंटरनेट में समय बिताते हैं, वे भी इस रामलीला की ओर आकर्षित हो रहे हैं. यह रामलीला राम जन्म से राजा अभिषेक तक की पूरी कथा को लगभग तीन घंटे में प्रस्तुत करती है.