बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने राम कथा में रामेश्वरम के 'छिन्न पुच्छ मारुति' का प्रसंग सुनाया. उन्होंने पंडित श्री गोपालाचार्य जी का उल्लेख करते हुए बताया कि राम सेतु निर्माण के दौरान हनुमान जी ने गिलहरी के छोटे प्रयास का उपहास किया था. इस पर प्रभु राम ने हनुमान जी को दंड स्वरूप भविष्य में पूंछ कटने का वचन दिया. यह बात रामेश्वरम में शिवलिंग स्थापना के समय सिद्ध हुई जब हनुमान जी की पूंछ टूट गई थी.