बागेश्वर धाम सरकार के कार्यक्रम में रामायण के विभिन्न प्रसंगों का वर्णन किया गया. इसमें बताया गया कि कैसे रावण, जिसके सिर पर काल मंडरा रहा था, वह भगवान के भजन के बजाय नाच-गाने और काम में मस्त था. इसके विपरीत, अंगद और हनुमान जैसे भक्त भगवान राम के चरणों में आनंदित थे. प्रवचन में इस बात पर जोर दिया गया कि व्यक्ति को काम में नहीं, बल्कि राम में मस्त रहना चाहिए. वक्ता ने कहा, 'सचिव वेद गुरु तीन जो प्रिय बोले, राज धर्म तन का इन तीनों का विनाश होता है'. इस उद्बोधन में रामचरितमानस में वर्णित चार प्रकार के भाग्यशाली लोगों का भी उल्लेख किया गया, जिनमें 'बड़भागी', 'अति बड़भागी', और 'अतिशय बड़भागी' शामिल हैं. अंगद और हनुमान को 'बड़भागी' तथा शबरी और अहिल्या को 'अतिशय बड़भागी' बताया गया.