धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हर व्यक्ति के एक इष्ट देव या देवी होते हैं, जिनकी उपासना से जीवन में उन्नति और सर्व कल्याण होता है. यह आवश्यक नहीं कि इष्टदेव श्रीराम, कृष्ण, हनुमान या देवी हों; कई बार कुल देवी या कुल देवता भी इष्ट हो सकते हैं. ज्योतिष के जानकारों का मानना है कि इंसान का मन किसी एक देवी या देवता की ओर सबसे ज्यादा आकर्षित होता है, और वही देवी या देवता उसके इष्टदेव हो सकते हैं. यह बताया गया है कि इष्टदेव का निर्धारण जन्म जन्मांतर के संस्कारों से होता है, न कि ग्रहों या कुंडली से. "बिना किसी कारण के ईश्वर के जीस स्वरूप की तरफ आपका आकर्षण हो वही आपके ईश्वर देव ही ग्रह। कभी भी ईश्वर का निर्धारण नहीं कर सकते।" ग्रहों की समस्याओं को दूर करने के लिए विशेष देवी-देवताओं की उपासना की जा सकती है. विभिन्न समस्याओं जैसे रोग मुक्ति, विद्या प्राप्ति, सरकारी नौकरी, मानसिक शांति, शारीरिक दर्द, शीघ्र विवाह, बाधाओं का नाश, धन प्राप्ति और आध्यात्मिक उपलब्धि के लिए अलग-अलग देवी-देवताओं की आराधना उत्तम मानी गई है. यदि समय रहते अपने इष्टदेव को पहचान लिया जाए और उनकी उपासना की जाए, तो ग्रहों के हर दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है और सुखी जीवन के लिए किसी अन्य उपाय की आवश्यकता नहीं पड़ती.