ऐसा माना जाता है कि सूर्य देव से विद्या प्राप्त करने के क्रम में हनुमान जी को कुछ समय के लिये विवाह करना पड़ा था. ऐसा कुछ विशेष विद्याओं को समझने के लिये आवश्यक था. हनुमान जी ने उस समय सूर्य देव की पुत्री सुवर्चला से विवाह किया था.