ज्येष्ठ माह के मंगलवार को बड़ा मंगल कहते हैं, जिसका सनातन धर्म में महत्व है. मान्यता है कि त्रेता युग में इसी दिन हनुमान जी पहली बार अपने आराध्य श्रीराम से मिले थे; रामचरित मानस में गोस्वामी तुलसीदास लिखते हैं, "प्रभु पहचानी पर गई चरना सो सुख उमा जाई नहीं बरना बुलकित तन मुख आव न बचना." द्वापर युग में भीम का अहंकार तोड़ने के लिए भी हनुमान जी ने इसी दिन एक लीला रची थी.