जीवन में शेष बचे दिनों को विशिष्ट बनाने का सूत्र है भगवान की कथा और उनके चरणों में समय बिताना. हनुमान जी को ग्यारहवें रुद्र अवतार माना जाता है और वे प्रबंधन गुरु भी हैं. भक्ति की शक्ति प्राप्त करने के लिए बजरंगबली की कृपा आवश्यक है, क्योंकि 'हनुवंत ही भगवंत से मिला सकते हैं'. हनुमान जी के विभिन्न स्वरूपों के दर्शन से भक्त कई लाभ प्राप्त कर सकते हैं. पूरब मुखी हनुमान शत्रुओं से मुक्ति दिलाते हैं, जबकि पश्चिम मुखी हनुमान (गरुड़ हनुमान) विषैले जीवों के प्रभाव से बचाते हैं. उत्तराभिमुखी हनुमान की पूजा से ऐश्वर्य और संपत्ति मिलती है, और दक्षिण मुखी हनुमान (नृसिंह हनुमान) प्रेत बाधा से मुक्ति प्रदान करते हैं. ऊर्ध्व मुखी हनुमान दैत्यों का संहार करते हैं. पंचमुखी हनुमान की पूजा से चारों दिशाओं में यश और अंत में परमधाम की प्राप्ति होती है. एकादश मुखी हनुमान की पूजा से समस्त देवी-देवताओं की पूजा का फल मिलता है. वीर हनुमान साहस प्रदान करते हैं, और भक्त हनुमान राम जी की भक्ति का मार्ग दिखाते हैं. हनुमान जी की पूजा से सभी देवों की पूजा हो जाती है.