अच्छी बात कार्यक्रम में धीरेंद्र शास्त्री ने हनुमान जी के जन्म और भगवान शिव के वानर अवतार की पौराणिक कथा का विस्तार से वर्णन किया है. उन्होंने बताया कि भगवान राम की सेवा के लिए शिव जी ने वानर रूप धारण किया और माता पार्वती उनकी पूंछ बनीं, क्योंकि लंका दहन में उनकी भूमिका थी. वक्ता ने सुदर्शन सिंह चक्र की पुस्तक 'आंजनेय की आत्मकथा' का हवाला देते हुए हनुमान जी के बाल्यकाल और उनके अतुलनीय बल की चर्चा की, जिसमें उन्होंने सूर्य को फल समझकर खाने का प्रसंग सुनाया. इसके अलावा, वक्ता ने जामवंत जी और हनुमान जी के संवाद का उल्लेख करते हुए युवाओं को बड़ों के अनुभव और सम्मान के महत्व को समझने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार जामवंत जी ने हनुमान जी को उनकी शक्ति का स्मरण कराया, उसी प्रकार बड़ों का मार्गदर्शन जीवन में आवश्यक है.