प्रस्तुत कथा में हनुमान जी के जन्म और उनके अद्भुत बल का वर्णन किया गया है. बताया गया है कि हनुमान जी भगवान शंकर के ही स्वरूप हैं, जो भगवान राम की सेवा के लिए वानर रूप में प्रकट हुए. कथा के अनुसार, माता पार्वती ने हनुमान जी की पूंछ का रूप धारण किया.