ज्योतिषीय गणना के अनुसार, गुरु का गोचर विभिन्न राशियों के लिए परिवर्तन ला रहा है, साथ ही जुलाई से अक्टूबर के बीच वैश्विक स्तर पर एक संवेदनशील समय का संकेत है। एक ज्योतिषीय विश्लेषण में मंगल और राहु के संयोजन को "न्यूक्लियर एक्सप्लोजन" जैसा बताया गया है, जिससे भारत-पाकिस्तान और ईरान-इजराइल के बीच तनाव बढ़ सकता है। भारत के लिए भी यह अवधि मध्यम बताई गई है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।