उत्तराखंड स्थित केदारनाथ धाम में भगवान शिव बैल की पीठ की आकृति पिंड के रूप में पूजे जाते हैं. मान्यता है कि महाभारत युद्ध के बाद पांडव भ्रातृ हत्या के पाप से मुक्ति के लिए शिव का आशीर्वाद लेने आए, पर शिव ने बैल का रूप धर लिया और भूमि में समाने लगे. जिस जगह भगवान का कूबड़ दिखा, वह स्थान केदारनाथ कहलाया. शीतकाल में केदारनाथ धाम बंद होने पर ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में भगवान की पूजा होती है.