एमपी के खंडवा के पास ओंकारेश्वर में आदिगुरु शंकराचार्य की 108 फीट की भव्य मूर्ति का स्वरूप तय करवाने के लिए अद्वैत परंपरा के कई संन्यासी और देश के मूर्धन्य संन्यासियों का एक दल बनाया गया. ये भी तय किया गया कि प्रतिमा में कमंडल कितना बड़ा हो, दंड की ऊंचाई कितनी हो, रुद्राक्ष की माला कैसी हो, उनका वस्त्र कैसा हो, इस पर कई शोध किए गए. 12 कार्यशाला और सेमिनार हुए. इसके बाद मुंबई के प्रख्यात चित्रकार वासुदेव कामत की इन संन्यासियों से चर्चा कराई गई. उन्हें सभी बारीकियां बताई गईं. और 11 से 12 वर्ष की उम्र के शंकराचार्य का चित्र तैयार करवाया गया.
11 sculptors from the country were selected to build a grand 108 feet statue of Adiguru Shankaracharya. Everyone got five to six feet idols prepared as per the drawings. Finally the statue made by Rampure Solapur was finalised.