चैत्र नवरात्र के छठे दिन माँ कात्यायनी की पूजा का महत्व है. माँ कात्यायनी को नारी शक्ति का प्रतीक और ब्रज मंडल की अधिशास्त्री देवी माना जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कात्यायन ऋषि की तपस्या से प्रसन्न होकर देवी माँ ने उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लिया था. माँ कात्यायनी की पूजा से भक्तों के रोग, शोक और संताप दूर होते हैं. पूजा विधि में स्नान के बाद माँ के चरणों में फूल अर्पित करना, दीप जलाना, और विशेष सामग्री जैसे मेहंदी, हरी चूड़ियां और पंचभेवा का भोग लगाना शामिल है.