सावन की शुरुआत शुक्रवार के दिन से हो रही है और शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी को समर्पित होता है. इस दिन उनकी पूजा करने से धन और समृद्धि आती है. सावन के शुक्रवार को वरलक्ष्मी व्रत भी रखा जाता है, जो विशेष रूप से धन और समृद्धि के लिए माना जाता है. आस्था कहती है जितनी महिमा सावन के सोमवार की है उतनी ही महिमा है सावन के शुक्रवार की क्योंकि यह दिन मां लक्ष्मी की उपासना के लिए समर्पित है. यह तिथि उनकी कृपा और वरदान पाने की है. माना जाता है इस दिन विधि विधान से मां लक्ष्मी को प्रसन्न कर लिया जाए तो इस सावन में धन संबंधी बाधाओं का अंत हो सकता है. "सावन में बरसेगा धन, धन की देवी को कर लीजिए प्रसन्नता परम फलकारी है सावन का ये शुक्रवार" ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि सावन के शुक्रवार को शंख में जल भरकर भगवान विष्णु का अभिषेक करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर की धन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं. इसके अलावा, सावन शुक्रवार को शाम की पूजा में पांच छोटी इलाइची अपने पर्स में रखने से धन दौलत में वृद्धि होती है. विवाह संबंधी समस्याओं के लिए भी उपाय बताए गए हैं. मां लक्ष्मी को शुक्रवार के दिन खीर का भोग लगाने से वे अत्यंत प्रसन्न होती हैं और विवाह जल्द होने की संभावना भी होती है. शिवलिंग पर जल अर्पित कर, पांच तरह के मिष्ठान के साथ इलायची का भोग लगाकर और गाय के घी का दीपक जलाकर भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करने से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं.