उज्जैन में कार्तिक-अगहन मास में भी भगवान महाकाल की सवारी निकाली जाती है. सोमवार को इसी परम्परा का निर्वहन करते हुए महाकाल की चौथी व अंतिम सवारी निकाली गई. राजसी वैभव के साथ रजत पालकी में सवार होकर उज्जैन के राजा भगवान महाकाल अपनी प्रजा जनों का हालचाल जानने नगर भ्रमण पर निकले, तो नगर की प्रजा ने भी अपने आराध्य के स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ी.