NASA Hall of Fame: 16 साल के भारतीय लड़के का नासा में डंका! वेबसाइट में बग खोजकर देश का नाम किया रोशन, मिला सम्मान

युवराज ने नासा की वेबसाइट में एक गंभीर सुरक्षा खामी खोजी, जिसके लिए नासा ने उन्हें हॉल ऑफ फेम में शामिल किया और प्रशंसा पत्र दिया.

Yuvraj Gupta
gnttv.com
  • कानपुर ,
  • 27 मई 2025,
  • अपडेटेड 8:38 AM IST

कानपुर के 16 वर्षीय युवराज गुप्ता ने एक ऐसा कारनामा किया है, जिससे न केवल उनका परिवार बल्कि पूरा देश गर्व महसूस कर रहा है. युवराज ने नासा की वेबसाइट में एक गंभीर सुरक्षा खामी खोजी, जिसके लिए नासा ने उन्हें हॉल ऑफ फेम में शामिल किया और प्रशंसा पत्र दिया. 

साइबर सिक्योरिटी में युवराज की रुचि
युवराज को साइबर सुरक्षा में रुचि कक्षा 6 से ही थी, जब उन्होंने पहली बार वाई-फाई पासवर्ड हैक करने की कोशिश की थी. समय के साथ उन्होंने खुद को इस क्षेत्र में प्रशिक्षित किया. साल 2024 में वे एक साइबर सिक्योरिटी कंपनी के संस्थापक से सोशल मीडिया पर जुड़े और उन्हें देशभर के पुलिस अधिकारियों को साइबर अपराध से निपटने की ट्रेनिंग देने का मौका मिला.

उन्होंने आगे बताया, "नासा का एक प्रोग्राम है, जिसे बग बाउंटी प्रोग्राम बोलते हैं इसमें दुनिया भर से हैकर्स आते हैं और नासा की वेबसाइट में जो भी कमी, बग्स या जो भी सुरक्षा खामी है उसको रिपोर्ट कर सकते हैं."

नासा की वेबसाइट में खामी
युवराज ने नासा की वेबसाइट में एक ऐसी खामी खोजी, जिसके जरिए कोई भी नासा की आधिकारिक ईमेल से नकली संदेश भेज सकता था. लगभग दो हफ्ते तक लगातार कोशिशों के बाद एक रात उन्हें NASA के एक उपडोमेन में यह खामी दिखी. उन्होंने पूरी रिपोर्ट बनाकर वीडियो सहित NASA को भेजी. यही नहीं उन्होंने फर्जी ईमेल और खुफिया जानकारी हासिल कर रहे बग की भी जानकारी प्राप्त की. युवराज गुप्ता की इस उपलब्धि के लिए नासा ने प्रशस्ति पत्र के साथ नासा के हॉल आफ फेम में शामिल किया है.

परिवार को है गर्व
युवराज के परिवार ने भी इस उपलब्धि पर गर्व महसूस किया। उनके पिता ने बताया कि बहुत अच्छा लग रहा है और हम लोगों ने बहुत संघर्ष किया है. बेटे ने बहुत संघर्ष किया है यहां तक पहुंचने के लिए, लेकिन किसी तरह यहां तक पहुंचा है. युवराज एक पुराने लैपटॉप से पढ़ाई करते थे और बहुत बार घरवालों की डांट पड़ती थी. 

आपको बता दें कि युवराज सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, दामोदर नगर में पढ़ते हैं और उन्होंने कक्षा 10 में 79.4% अंक प्राप्त किए. सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने यूट्यूब, ऑनलाइन कोर्स और किताबों के जरिए एथिकल हैकिंग सीखी. 

(सिमर चावला की रिपोर्ट)

 

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