Earendil-1: रात में भी सूरज की रोशनी धरती पर लाने की तैयारी में अमेरिकी स्टार्टअप कंपनी, अगले साल लांच होगा पहला टेस्ट सेटेलाइट

अमेरिका की स्टार्टअप कंपनी रिफ्लेक्ट ऑर्बिटल रात में सूरज की रोशनी धरती पर लाने का प्लान बना रही है. कंपनी अगले साल टेस्ट सैटेलाइट लॉन्च करेगी. इसके बाद कंपनी साल 2030 तक 4 हजार सैटेलाइट्स को स्पेस में भेजेगी. इस योजना के तहत सैटेलाइट्स के जरिए शीशों की मदद से सूरज की रोशनी को धरती पर लाना है.

Sunlight On Demand (Photo/Meta AI)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 13 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 12:34 PM IST

अमेरिका की एक स्टार्टअप कंपनी ऐसा काम करने जा रही है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह जाता है. ये कंपनी रात में सूरज की रोशनी धरती पर लाने का प्लान बना रही है. कंपनी ऐसे सैटेलाइट स्पेस में लॉन्च करने की योजना पर काम कर रही है, जो शीशों से सूरज की रोशनी को धरती पर भेजेगा. इस तरह से रात में भी पृथ्वी पर सूरज की रोशनी आएगी और उजाला रहेगा.

रात में धरती पर आएगी सूरज की रोशनी-
अमेरिका की इस स्टार्टअप कंपनी का नाम रिफ्लेक्ट ऑर्बिटल है. कंपनी ऐसे सैटेलाइट्स लॉन्च करेगी, जिसमें शीशे लगे होंगे और इसकी मदद से धरती पर सूरज की रोशनी रिफ्लेक्ट होगी. कंपनी का दावा है कि इस सोलर पैनल से रात में भी रोशनी मिलेगी.

अगले साल लॉन्च होगा पहला टेस्ट सैटेलाइट-
रिफ्लेक्ट ऑर्बिटल कंपनी साल 2026 में पहला टेस्ट सैटेलाइट लॉन्च करेगी. इसका नाम ईएरेंडिल-1 रखा गया है. यह सैटेलाइट 18 मीटर लंबा होगा. इसके बाद कंपनी साल 2030 तक करीब 4 हजार सैटेलाइट्स स्पेस में भेजने की योजना बना रही है. ये सैटेलाइट्स 625 किलोमीटर की ऊंचाई पर धरती की कक्षा में रहेंगे और 54 मीटर चौड़े शीशों से सूरज की रोशनी को धरती पर भेजेंगे.

पिछले साल कंपनी ने किया था टेस्ट-
कंपनी ने पिछले साल एक हॉट एयर बैलून से टेस्ट किया था. जिसकी मदद से 516 वॉट प्रति वर्गमीटर की रोशनी धरती पर भेज सका था. इसके लिए कंपनी ने 2.5 मीटर का शीशा 242 मीटर की ऊंचाई पर लगाया था. हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे प्रर्यावरण को नुकसान होगा. एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे आंखों को नुकसान के साथ जानवरों की दिनचर्या प्रभावित होगी.

एक घंटे तक की रोशनी के लिए हजारों सैटेलाइट्स की जरूरत-
कंपनी ने 200 वॉट प्रति वर्ग मीटर रोशनी देने का टारगेट रखा है. ये रोशनी दोपहर में सूरज की 20 फीसदी रोशनी के बराबर है. इसके लिए एक जगह पर करीब 3 हजार सैटेलाइट की जरूरत होगी. एक सैटेलाइट किसी जगह पर सिर्फ 2.5 मिनट तक ही रह सकता है. इसलिए एक घंटे की रोशनी के लिए हजारों सैटेलाइट्स की जरूरत होगी.

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