पिघल रही है अंटार्कटिक पर पड़ी बर्फ की चादर, 44 सालों में पहली बार दिखा ऐसा मंजर

पश्चिमी अंटार्कटिक में जो बर्फ की चादर दिखती थी वो पिछले 44 सालों में सबसे ज्यादा मात्रा में पिघली है.

अंटार्कटिक पर पिघल गई बर्फ की चादर
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 07 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 1:15 PM IST
  • अंटार्कटिक पर पड़ी बर्फ की चादर पिघल रही है.
  • पश्चिम अंटार्कटिक बर्फ की चादर के पिघलने से  वैश्विक समुद्र का स्तर 10 फीट तक बढ़ सकता है.

अंटार्कटिक पर पड़ी बर्फ की चादर पिघल रही है. अब इसे लेकर वैज्ञानिकों ने चिंता जाहिर की है. वैज्ञानिकों ने कहा है कि पश्चिम अंटार्कटिक बर्फ की चादर के पिघलने से  वैश्विक समुद्र का स्तर 10 फीट तक बढ़ सकता है.  रिपोर्टस ये दावा करती हैं कि साल 1991-2020  के बीच ये  समुद्री बर्फ 26 प्रतिशत कम पाई गई है. वहीं  रॉस, अमुंडसेन और उत्तरी वेडेल समुद्र में, और पिछले  44  सालों में समुद्री बर्फ की मात्रा  सबसे कम पाई गई.  इसी के साथ अंटार्कटिक समुद्री बर्फ लगभग आधी सदी में अपने दूसरे सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. 

रिपोर्ट के मुताबिक  बढ़ती ग्रीनहाउस गैसें इसकी सबसे बड़ी वजह हो सकती हैं. अंटार्कटिक पर जिस हिसाब से बर्फ पिघली है उस पैटर्न से ये पता चलता है कि पिछले 100 सालों में अमुंडसेन सागर में बर्फ सबसे गर्म रहा है. और साल 1994 सबसे गर्म साल रहा है. 

इस सिलसिले में  वैज्ञानिकों ने चेताया कि अगर ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन बढ़ता है, तो बर्फ के पिघलने और वैश्विक समुद्र के लेवल के बढ़ने जैसे मामले पेश आएंगे.पश्चिमी अंटार्कटिक पर  बर्फ की चादर का पिघलना और आसपास के महासागर के तापमान में बढ़ोत्तरी होना इसी का एक नमूना है. जो भविष्य में बढ़ी परेशानियां पैदा कर सकता है. 

 

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