लखनऊ के शुभांशु शुक्ला एक्सिओम मिशन 4 के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हो गए हैं. उनके साथ 3 और क्रू मेंबर्स स्पेस में गए हैं. शुभांशु ISS का दौरा करने वाले पहले भारतीय बन जाएंगे. 28 घंटे की यात्रा के बाद उनका अंतरिक्ष यान गुरुवार की शाम करीब 4.30 बजे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से डॉक होने की उम्मीद है. लॉन्चिंग के दौरान शुभांशु शुक्ला के माता-पिता भावुक हो गए.
स्पेस से शुभांशु का पहला संदेश-
स्पेसक्राफ्ट के अंदर से शुभांशु शुक्ला ने पहला मैसेज दिया. उन्होंने कहा कि नमस्कार, मेरे प्यारे देशवासियो, What a Ride... 41 साल बाद हम वापस स्पेस में पहुंच गए हैं और कमाल की राइड थी. इस समय हम 7.5 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से धरती के चारों तरफ घूम रहे हैं. मेरे कंधे पर मेरे साथ मेरा तिरंगा है, जे मुझे बता रहा है कि मैं अकेला नहीं हूं, मैं आप सबके साथ हूं.
शुरू से देश के लिए कुछ करने का जज्बा- पिता
शुभांशु शुक्ला के पिता शंभू शुक्ला ने कहा हम हमेशा से यह चाहते थे कि उसका भविष्य बेहतर हो और वह हमसे आगे जाए. उसने जब इस लाइन को चुना तो हमने फिर मना भी नहीं किया, वह हर जगह सक्सेस रहा. उन्होंने बताया कि शुभांशु UPSC दे रहे थे, लेकिन इंटर से पहले ही उसे शुभांशु का NDA एग्जाम क्लियर हो गया. देश के लिए कुछ करने का जज्बा शुरुआत से ही था. पिता ने कहा कि शुभांशु से मेरी बात हुई है. उन्होंने कहा कि मुझे पूरा आत्मविश्वास है कि मिशन पूर्ण होगा. कोई किसी प्रकार का डर नहीं है.
पिता ने बताया कि वह हम लोगों को बताता है, होशियार हो गया है. बहुत कूल माइंडेड रहता है. टेंशन नहीं लेता है. हम लोग खुशी मनाना चाहते हैं, बड़ा फंक्शन करेंगे, परिवार के सभी सदस्य एक साथ होंगे, सभी एंजॉय करें, जब वापस आए.
मेरे लिए आज भी बच्चा है- मां
शुभांशु की मां आशा शुक्ला ने बताया कि हमारे लिए वह आज भी बच्चा ही है, जैसा बचपन में था, वैसा ही आज भी है. कल शाम को ही मेरी उससे बात हुई थी, उसने मुझसे कहा कि मम्मी हम ठीक हैं हमको मजा आ रहा है. इस स्पेस में जाने के लिए मैं बहुत उत्साहित हूं. उनको हम क्या सलाह देंगे? वहां हम लोगों को समझते हैं, फिक्र करते हैं.
5-6 साल से घर का खाना नहीं खाते हैं- मां
मां ने बताया कि लखनऊ में साल में एक बार जरूर आते हैं और लगभग एक महीना हमारे पास रुकते हैं और घुमाते हैं. मां ने बताया कि खाने में शुभांशु को सब पसंद है. लेकिन 5-6 साल से वह घर का खाना नहीं खाते हैं, जो खाना एस्ट्रोनॉट खाते हैं, वैसा ही उन्हें कुछ दिया जाता है. घर का खाना, मीठा सब छोड़ा हुआ है उन्होंने पिछले कई सालों से.
बहन ने बताया भाई का किस्सा-
शुभांशु की बहन सूची शुक्ला ने बताया कि हम तीन भाई बहन हैं. शुभांशु सबसे छोटे हैं, हम दोनों बड़ी बहनें हैं. शुभांशु बताएगा कि हमने उसे परेशान किया है या नहीं, किया है बचपन. उनकी बहन निधि मिश्रा ने बताया कि हमने भाई को परेशान तो नहीं किया है, लेकिन हम तीनों ने बहुत शरारत की है, ऑन कैमरा बिल्कुल भी नहीं बता सकते है. यह जो खुशी मिली है, यह अपने आप में अद्भुत है,यह रोजमर्रा की खुशी नहीं है.
बहन ने बताया कि जब उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी. तब गगनयान मिशन के बारे में पता नहीं था. लेकिन फाइटर पायलट बनना उसके सपने में था. उसने उस सपने को पूरा किया. जब यहां अपॉर्चुनिटी आई, तब उसने इसके लिए इतनी मेहनत की कि उसने पूरी जान लगा दी. स्पेस में जाने का पैशन उसमें हमेशा से था.
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