Tuberculosis Vaccine: जल्द मिलेगी टीबी की नई वैक्सीन, दुनिया के पहले माइक्रोबैक्टेरियम ट्यूबरक्युलोसिस टीके का क्लीनिकल ट्रायल हुआ शुरू

MTBVAC दूसरे टीकों की तुलना में काफी प्रभावी है. ये नवजात शिशुओं के साथ-साथ वयस्कों और किशोरों में भी उपयोग किया जा सकेगा. ये संभावित रूप से लंबे समय तक चलने वाला टीका है.

Tuberculosis (India Today)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 25 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 3:05 PM IST
  • इम्यूनोजेनेसिटी और एफीकेसी को लेकर भी योजना बनाई है 
  • वर्तमान में कोई टीका नहीं 

जल्द ही हमें ट्यूबरक्लोसिस की वैक्सीन भी मिलने लगेगी. दुनिया की पहली माइक्रोबैक्टेरियम ट्यूबरक्युलोसिस वैक्सीन (MTBVAC) का क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो चुका है. इसकी सेफ्टी, इम्युनोजेनिसिटी और एफ्फिकेसी जानने के लिए भारत में ट्रायल शुरू हो चुके हैं. सूत्रों के अनुसार, ये वैक्सीन नवजात शिशुओं, किशोरों और वयस्कों के लिए है. अधिकारियों के मुताबिक, दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले देश में जहां सबसे ज्यादा मामले हैं, ऐसे में यहां क्लिनिकल ट्रायल वैक्सीन की निरंतर प्रगति के लिए जरूरी है. इस वैक्सीन पर तीन दशकों से अधिक का शोध चल रहा है.

इम्यूनोजेनेसिटी और एफीकेसी को लेकर भी योजना बनाई है 

इतना ही नहीं बल्कि कंपनी के अधिकारियों ने रविवार को कहा कि 2025 के लिए सुरक्षा, इम्यूनोजेनेसिटी और एफीकेसी टेस्टिंग के लिए भी योजना बनाई गई है. इसे स्पैनिश बायोफार्मा कंपनी बायोफैब्री ने हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक के सहयोग से बनाया गया है.

वर्तमान में कोई टीका नहीं 

MTBVAC दूसरे टीकों की तुलना में काफी प्रभावी है. ये नवजात शिशुओं के साथ-साथ वयस्कों और किशोरों में टीबी की रोकथाम के लिए 100 साल से अधिक पुराने BCG (बैसिलस कैलमेट और गुएरिन) टीके की तुलना में अधिक प्रभावी और संभावित रूप से लंबे समय तक चलने वाला टीका है. इनके लिए वर्तमान में कोई प्रभावी टीका नहीं है. मौजूदा बीसीजी वैक्सीन थोड़ी कम प्रभावी है. जबकि ये नई वैक्सीन पुल्मोनेरी ट्यूबरक्युलोसिस पर ज्यादा प्रभावी है. 

अपनी तरह का पहला टीका 

MTBVAC वर्तमान में अकेली ऐसी टीबी वैक्सीन है जो पैथोजन, माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस के जेनेटिकली मॉडिफाइड रूप के आधार पर ट्रायल से गुजर रही है. ये बीसीजी से काफी अलग है, जिसमें मनुष्यों को संक्रमित करने वाले स्ट्रेन में मौजूद सभी एंटीजन शामिल हैं.

लोगों को इसके आने से होगी काफी सहूलियत 

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, बायोफैब्री के सीईओ एस्टेबन रोड्रिग्ज ने इसे एक बड़ा कदम बताया है. उन्होंने कहा कि इससे दुनिया के 28% टीबी मामलों वाले देश में वयस्कों और किशोरों में बीच टेस्ट किया जाएगा. वहीं भारत बायोटेक के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. कृष्णा एला ने कहा कि टीबी के खिलाफ इस वैक्सीन को लेकर हमें अच्छा समर्थन मिला है. यही कारण है कि भारत में क्लिनिकल टेस्ट किए जा सके हैं. 

 

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