IISC, AAI ने बनाया स्मार्ट शेड्यूलिंग सिस्टम, जानें आखिर कैसे एयरपोर्ट की भीड़ और फ्लाइट में होने वाली देरी से बचाएगा ये 

एयरपोर्ट पर थोड़े-थोड़े टाइम के बाद फ्लाइट आती रहती है. सीमित रनवे क्षमता, एयर ट्रैफिक, मौसम की स्थिति और चलने में आने वाली समस्याएं फ्लाइट के उड़ने में बाधा डालती हैं.  इन्हीं से निपटने के लिए स्मार्ट शेड्यूलिंग सिस्टम बनाया गया है.

Airplane (Photo: Unsplash)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 22 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 1:44 PM IST
  • स्मार्ट शेड्यूलिंग सिस्टम का होगा फायदा 
  • देरी से बचाएगा स्मार्ट शेड्यूलिंग सिस्टम

क्या आपने कभी सोचा है कि एयरपोर्ट पर जब फ्लाइट की हलचल का किस तरह से मैनेज किया जाता है? या बोर्डिंग के दौरान या टेक-ऑफ से पहले फ्लाइट में होने वाली देरी को कैसे कम किया जा सकता है?

दरअसल, इन सवालों का जवाब देने के लिए एक स्मार्ट शेड्यूलिंग सिस्टम बनाया गया है. सिविल इंजीनियरिंग विभाग और रॉबर्ट बॉश सेंटर फॉर साइबर-फिजिकल सिस्टम्स (RBCCPS), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc), और एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के शोधकर्ताओं की एक टीम ने इसे बनाया है. 

स्मार्ट शेड्यूलिंग सिस्टम का होगा फायदा 

एयरपोर्ट के लिए स्मार्ट शेड्यूलिंग सिस्टम की मदद से फ्लाइट की लैंडिंग और उड़ान के दौरान होने वाली परेशानी से बचा जा सकता है. साथ ही फ्लाइट में होने वाली देरी से बचने के लिए भी इसका सहारा लिया जा सकेगा.

दरअसल, एयरपोर्ट पर थोड़े-थोड़े टाइम के बाद फ्लाइट आती रहती है. सीमित रनवे क्षमता, एयर ट्रैफिक , मौसम की स्थिति और चलने में आने वाली समस्याएं फ्लाइट के उड़ने में बाधा डालती हैं. 

स्मार्ट शेड्यूलिंग सिस्टम क्या है?

ये सिस्टम कितना प्रभावी है इसे देखने के लिए अलग-अलग टेस्ट किए गए. शोधकर्ताओं ने चेन्नई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को अपने प्रायोगिक सेटअप के रूप में चुना. ये एयरपोर्ट काफी भीड़ वाला है. ऐसे में यहां टेस्ट करने से इसकी प्रभावशीलता का पता चला. भीड़भाड़ के बीच भी अच्छी तरह काम चलता रहे और फ्लाइट में देरी न हो, इसके लिए मॉडल में टैक्सीवे उपलब्धता, हवाई क्षेत्र संरचना और फ्लाइट पाथ जैसे लिए अलग-अलग मापदंडों को शामिल किया गया.

स्मार्ट शेड्यूलिंग सिस्टम का प्राथमिक उद्देश्य डिपार्जिग मीटरिंग स्ट्रेटेजी में मौजूदा गैप को ठीक करना है. डिपार्चर में होने वाली देरी से जो समस्या होती है उन्हें ध्यान में रखते हुए ही इसे बनाया गया है. 


 

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