शारदा यूनिवर्सिटी के छात्रों ने एक ऐसा अनोखा ड्रोन तैयार किया है, जो भविष्य में मंगल ग्रह पर खोजबीन के काम आ सकता है. इस ड्रोन की खासियत यह है कि यह बिना GPS के भी काम करता है, क्योंकि मंगल पर सैटेलाइट सिस्टम उपलब्ध नहीं है.
इस ड्रोन को शारदा यूनिवर्सिटी के कार्तिक, मुस्कान और प्रशांत ने मिलकर बनाया है. यह ड्रोन भविष्य में मंगल ग्रह पर पानी और जीवन की खोज में मदद कर सकता है.
इसरो की प्रतियोगिता में दूसरा स्थान
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने हाल ही में ISRO Robotics Challenge – IRoC-U 2025 का आयोजन किया था. इसमें देशभर के 510 कॉलेजों की टीमें शामिल हुईं, जिनमें IIT और IIIT भी थे. इस प्रतियोगिता में शारदा यूनिवर्सिटी की टीम सूर्य ने शानदार प्रदर्शन करते हुए दूसरा स्थान हासिल किया.
ड्रोन की खासियतें
केंद्रीय मंत्री ने दिया पुरस्कार
इस प्रतियोगिता में सफलता के बाद केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने टीम को पुरस्कार दिया. इस मौके पर नासा के हाल ही में स्पेस मिशन से लौटे शुभांशु शुक्ला भी मौजूद थे. शारदा यूनिवर्सिटी के छात्रों द्वारा बनाया गया यह ड्रोन भारत की अंतरिक्ष तकनीक के लिए बड़ी उपलब्धि है. भविष्य में यह मंगल ग्रह पर पानी, जीवन और अन्य संसाधनों की खोज को तेज़ और आसान बना सकता है.
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