National Science Day 2023: क्या है रमन इफेक्ट, जिसकी खोज पर हर साल मनाया जाता है साइंस डे, क्या है इस बार का थीम

National Science Day: हर साल 28 फरवरी को नेशनल साइंस डे के तौर पर मनाया जाता है. आज के दिन ही भारतीय वैज्ञानिक सीवी रमन ने रमन इफेक्ट की खोज की थी. जिसके लिए उनको नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

28 फरवरी को नेशनल साइंस डे मनाया जाता है
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 28 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 7:51 AM IST

देश हर साल 28 फरवरी को विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने और समाज को इसके लिए जागरुक करने के लिए नेशनल साइंस डे के तौर पर मनाता है. आज के दिन विज्ञान दिवस मनाने का विशेष कारण है. दरअसल आज के दिन ही साल 1928 में भारत में पहली सबसे बड़ी वैज्ञानिक खोज हुई थी. भारतीय वैज्ञानिक सीवी रमन ने रमन प्रभाव का आविष्कार किया था. जिसके लिए उनको नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

कैसे शुरू हुआ साइंस डे मनाना-
28 फरवरी को साइंस डे के तौर पर मनाने की परंपरा साल 1987 से शुरू हुई थी. इस दिन को विज्ञान दिवस के तौर पर मनाने की सिफारिश साल 1986 में राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिक संचार परिषद ने सरकार से की थी. इसके बाद अगले साल से इस दिन को नेशनल साइंड से से तौर पर मनाया जाने लगा. साल 2020 में देश में विज्ञान को प्रोत्साहित करने के लिए वैज्ञानिक पुरस्कार की भी शुरुआत की गई. इसके अलावा इस दिन देशभर में कार्यक्रम आयोजित हो होते हैं और लोगों को जागरुक किया जाता है.

क्या है रमन इफेक्ट-
वैज्ञानिक सीवी रमन ने 28 फरवरी 1928 को रमन इफेक्ट की खोज की थी. सीवी रमन ने साबित किया था कि अगर कोई प्रकाश किसी पारदर्शी वस्तु के बीच से गुजरता है तो प्रकाश का कुछ हिस्सा विक्षेपित होता है. जिसकी वेब लेंथ में बदलाव होता है. इस खोज को रमन इफेक्ट नाम दिया गया. इस खोज में उनको वैज्ञानिक केएस कृष्णन का साथ मिला था.

सीवी रमन को मिला था नोबेल पुरस्कार-
वैज्ञानिक सीवी रमन को रमन इफेक्ट के लिए साल 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. सीवी रमन नोबेल पुरस्कार जीतने वाले पहले एशियाई थे. सीवी रमन को साल 1954 में भारत रत्न से भी नवाजा गया.

2023 में क्या है साइंस डे की थीम-
सरकार ने इस बार नेशनल साइंस डे के लिए थीम 'वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान' रखा है. इसका मतलब है कि भारत समेत पूरी दुनिया 2023 में नई वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रही है. इन चुनौतियों का सामना करने और विश्व कल्याण के लिए विज्ञान के महत्व को उभारना जरूरी है. दरअसल इस बार भारत को जी20 की अध्यक्षता मिली है. इसे लिहाज से भी ये थीम बिलकुल सही है.

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