भारत समुद्र से लेकर अंतरिक्ष तक अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कर रहा है. गगनयान प्रोजेक्ट के बाद अब भारत अपने समुद्रयान मिशन में ऐतिहासिक सफलता हासिल करने की ओर बढ़ रहा है. ‘समुद्रयान’ (Samudrayaan) परियोजना, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES) के डीप ओशन मिशन का हिस्सा है. इस परियोजना के तहत ‘मत्स्य-6000’ (MATSYA-6000) नामक एक मानव-युक्त गोलाकार पनडुब्बी का विकास किया जा रहा है, जो 6 किलोमीटर गहराई तक समुद्र में जा सकेगी.
मानव-संचालित वाहन (Human Occupied Vehicle - HOV) के विकास के लिए राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (NIOT), MoES ने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC), इसरो के साथ एक समझौता (MoU) किया है.
मत्स्य-6000 का डिजाइन और क्षमता
- मत्स्य-6000 का डिजाइन VSSC ने तैयार किया है.
- इसका व्यास 2260 मिमी और दीवार की मोटाई 80 मिमी है.
- इसे टाइटेनियम मिश्र धातु (Ti6Al4V – ELI ग्रेड) से बनाया जा रहा है.
- यह -3°C के कम तापमान पर 600 बार तक का बाहरी दबाव सहने में सक्षम होगा.
- यह पनडुब्बी 3 सदस्यों के दल को गहरे समुद्र में ले जाने की क्षमता रखती है.
मुख्य तकनीकी चुनौतियां
- 80-102 मिमी मोटाई की इलेक्ट्रॉन बीम वेल्डिंग (EBW) प्रक्रिया विकसित करना.
- वेल्डिंग के बाद गैर-विनाशकारी परीक्षण (NDE) के लिए 7.5 MeV एक्स-रे रेडियोग्राफी की सुविधा बनाना.
- इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (LPSC) को वेल्डिंग और NDE के लिए प्रक्रिया और अवसंरचना विकसित करने की जिम्मेदारी दी गई.
वेल्डिंग और NDE में सफलता
- LPSC-बेंगलुरु के पास पहले केवल 20 मिमी मोटाई तक वेल्डिंग की सुविधा थी.
- इसके लिए EBW मशीन की क्षमता 15 kW से बढ़ाकर 40 kW कर दी गई.
- रासायनिक सफाई और भारी उपकरणों को संभालने के लिए नई सुविधाएं जोड़ी गईं.
- NDE के लिए 7.5 MeV एक्स-रे सुविधा विकसित की गई.
- TOFD (Time of Flight Diffraction) और DLA-PAUT (Dual Linear Array – Phased Array Ultrasonic Testing) जैसी कई उन्नत तकनीकें अपनाई गईं.
700 ट्रायल के बाद सफलता
- करीब 700 वेल्ड ट्रायल करके वेल्डिंग प्रक्रिया को पूरा किया गया.
- NDE तकनीकों का परीक्षण कृत्रिम दोषों को स्कैन करके किया गया.
- वेल्डिंग प्रक्रिया की मंजूरी थर्ड पार्टी सर्टिफिकेशन के जरिए हो रही है.
भारत में पहली बार
- प्रक्रिया के सफल विकास और अनुकूलन के बाद, वास्तविक हार्डवेयर पर पहली वेल्डिंग सफलतापूर्वक पूरी हो गई है.
- 80 मिमी मोटाई की वेल्डिंग, 7100 मिमी लंबाई पर 32 मिनट की वेल्डिंग अवधि के साथ, देश में पहली बार की गई है.