रूस करीब 50 सालों के बाद एक बार फिर अपने मून मिशन को लॉन्च करने की तैयारी में है. रूस के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि रूस 11 अगस्त को चांद के लिए मिशन लूना-25 लॉन्च कर सकता है. रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस की तरफ से भी इसकी पुष्टि की गई है. रूस इससे पहले 1976 में चांद पर मिशन लूना-24 उतार चुका है.
रूस है उत्साहित
इंडिया ने 14 जुलाई 2023 को चंद्रयान-3 लॉन्च किया है. यह 23 अगस्त को चांद पर लैंड करेगा, वहीं रूस का लूना-25 इससे पहले चांद पर उतर सकता है. रोस्कोस्मोस ने कहा कि लूना-25 पांच दिन में चांद तक पहुंच जाएगा. इसके बाद वह 5-7 दिन चांद की ऑर्बिट में रहेगा. फिर चांद पर उतरेगा. यानी इसका चांद पर उतरने का समय करीब-करीब वही रहेगा या कुछ घंटे पहले का रहेगा, जब हमारा चंद्रयान-3 चांद की धरती पर उतरेगा. रूस की योजना यान को चंद्रमा के साउथ पोल पर उतारने की है. इस चंद्र मिशन को लेकर रूस काफी उत्साहित है.
गांव को कराया जाएगा खाली
रूस वोस्तोचन कोस्मोड्रोम से लूना-25 को लॉन्च करेगा. यह जगह मॉस्को से करीब 3,450 मील यानी 5,550 किमी पूर्व में स्थित है. प्रक्षेपण स्थल के दक्षिण-पूर्व में खाबरोवस्क क्षेत्र स्थित शख्तिंस्की गांव को 11 अगस्त की सुबह खाली करा लिया जाएगा. गांव खाली कराने का कदम सावधानी के तहत उठाया जा रहा है. यह गांव उस अनुमानित इलाके में आता है जहां पर अलग होने के बाद रॉकेट बूस्टर के गिरने की संभावना है. खाबरोवस्क इलाके के वेरखनेबुरिंस्की जिले के प्रमुख एलेक्सी मास्लोव ने कहा कि उमाल्टा, उस्सामख, लेपिकन, तस्ताख, सागनार नदियों का मुहाना और बुरेया नदी को नाव से पार करने वाला इलाका पूर्वानुमानित बूस्टर के गिरने वाले इलाके में आते हैं.
क्या है इस मिशन का मकसद
रोस्कोस्मोस ने कहा है कि लूना-25 सोयुज-2 फ्रीगेट बूस्टर पर लॉन्च होगा और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला लैंडर होगा. मिशन का मकसद सॉफ्ट-लैंडिंग टेक्नोलॉजी को डेवलप करना, चंद्रमा की आंतरिक संरचना पर रिसर्च करना और पानी समेत दूसरी जरूरी चीजों की खोज करना होगा.
क्यों खास है यह मिशन
लूना-24 से अलग लूना-25 कई मायनों में खास हो सकता है. लूना-24 को 1976 में लॉन्च किया गया था. रिटर्न मॉड्यूल ने करीब 170 ग्राम चांद की धूल को हासिल किया था और इसे सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस पहुंचाया. हालांकि कुछ लोगों को इसकी सफलता पर थोड़ी आशंका है. अंतरिक्ष विज्ञानी व्लादिमीर सर्डिन ने अनुमान लगाया कि लूना-25 मिशन की सफलता की संभावना 50 फीसदी है.
चंद्रमा के करीब पहुंचा चंद्रयान-3
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंद्रयान-3 को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कराने के एक दिन बाद उसे इसके और नजदीक पहुंचाने की कवायद सफलतापूर्वक पूरी कर ली. इसरो ने कहा कि वह इस तरह की अगली कवायद 9 अगस्त को करेगा. इसरो ने रविवार को एक ट्वीट में कहा कि अंतरिक्षयान ने चंद्रमा के और नजदीक पहुंचने की एक और प्रक्रिया पूरी कर ली है. इंजनों की रेट्रोफायरिंग ने इसे चंद्रमा की सतह के और करीब पहुंचा दिया.
23 अगस्त को चंद्रमा पर चंद्रयान- 3 की सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश
इसरो ने कहा कि चंद्रयान को चंद्रमा के और नजदीक पहुंचाने की अगली कवायद 9 अगस्त को भारतीय समय के मुताबिक दोपहर एक बजे से दोपहर दो बजे के बीच किए जाने का कार्यक्रम है. 17 अगस्त तक तीन और अभियान प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी, जिसके बाद लैंडिंग मॉड्यूल प्रपल्शन मॉड्यूल से अलग हो जाएगा. इसके बाद, लैंडर पर डी-आर्बिटिंग कवायद की जाएगी. इसरो के मुताबिक यह 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास करेगा.