कुशीनगर बनेगा यूपी का पहला कैन-सेट एंड रॉकेटरी मिशन सेंटर, यहीं पर दिया था बुद्ध ने आत्मनिर्भरता का संदेश

शीनगर के तुर्कपट्टी क्षेत्र में नारायणी नदी के किनारे 28 से 30 अक्तूबर तक उत्तर प्रदेश का पहला कैन-सेट एंड रॉकेटरी अभियान आयोजित होगा, जिसमें देशभर से आए एमटेक छात्र अपने बनाए मिनी सैटेलाइट और छोटे रॉकेट प्रक्षेपित करेंगे.

कुशीनगर की धरती से विज्ञान की नई उड़ान
gnttv.com
  • महराजगंज ,
  • 30 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:48 PM IST
  • बुद्ध की धरती कुशीनगर से उड़ान भरेगा इसरो का स्पेस नवाचार
  • इस प्रतियोगिता में शामिल होंगे देश के कई राज्यों के एमटेक विद्यार्थी
  • शुरू होगा यूपी का पहला कैन-सेट एंड रॉकेटरी अभियान

भगवान बुद्ध ने कुशीनगर की धरती से विश्व को अंतिम उपदेश दिया था कि किसी बाहरी शक्ति पर निर्भर मत रहो, अपना समय व्यर्थ मत करो और ईमानदारी व जागरूकता से सही मार्ग पर चलो. आज उन्हीं की भूमि से इसरो विज्ञान की नई दिशा दिखाने जा रहा है.

कुशीनगर की धरती से विज्ञान की नई उड़ान
कुशीनगर के तुर्कपट्टी क्षेत्र में नारायणी नदी के किनारे 28 से 30 अक्तूबर तक उत्तर प्रदेश का पहला कैन-सेट एंड रॉकेटरी अभियान आयोजित होगा, जिसमें देशभर से आए एमटेक छात्र अपने बनाए मिनी सैटेलाइट और छोटे रॉकेट प्रक्षेपित करेंगे. इस आयोजन का मुख्य आकर्षण कैन-सेट सैटेलाइट होंगे, जिन्हें इसरो के लांचिंग पैड से एक किलोमीटर तक ऊंचाई पर भेजा जाएगा और तापमान, दबाव व अन्य वैज्ञानिक आंकड़े रिकॉर्ड किए जाएंगे. इससे छात्रों को अपनी रचनात्मकता से इसमें और प्रयोग जोड़ने का अवसर मिलेगा. उन्हें वास्तविक उपग्रह मिशन जैसी चुनौतियों से रूबरू कराएगा. इस कार्यक्रम में इसरो चेयरमैन भी मौजूद रहेंगे.

कुशीनगर की धरती से विज्ञान की नई उड़ान
महराजगंज के पंचायत इंटर कॉलेज परतवाल बाजार में इसरो के इन-स्पेस एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के मार्गदर्शन में नमस्कार फाउंडेशन द्वारा आयोजित जिला स्तरीय आर्ट इन स्पेस एवं स्पेस क्विज 20:20 कार्यक्रम में शिकरत करने आए इसरो के वैज्ञानिक कमलेन्द्र कृष्ण त्रिपाठी ने विशेष बातचीत में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यह प्रतियोगिता यूपी के लिए ऐतिहासिक पहल है. पहली बार छात्रों को वास्तविक रॉकेटरी और उपग्रह प्रक्षेपण जैसी परिस्थितियों में अपने प्रयोगों को आजमाने का मौका मिलेगा. इससे उनमें वैज्ञानिक सोच और आत्मनिर्भरता की भावना दोनों मजबूत होंगी. यूपी के कई जिलों से चयनित मेधावी छात्र भी इस अद्वितीय कार्यक्रम को देखेंगे. वे अंतरिक्ष विज्ञान की बारीकियों को समझेंगे और विज्ञान के प्रति नई प्रेरणा ग्रहण करेंगे.

नारायणी नदी के किनारे इसरो के कार्यक्रम के लिए बनाया लांचिंग पैड
इसरो के वैज्ञानिक कमलेंद्र कृष्ण त्रिपाठी ने बताया कि कुशीनगर के तुर्कपट्टी क्षेत्र में लांचिंग पैड बनाया गया है. वहां अक्टूबर में तीन दिन तक देश के सभी राज्यों से एमटेक के छात्र अपना अपना मिनी सैटेलाइट बनाएंगे. इसरो के विशेषज्ञ की देखरेख में एक किमी ऊपर तक प्रक्षेपण किया जाएगा.

जानें क्या है इसको का कैनसैट स्पेस अभियान कैनसैट स्पेस अभियान
भारत में छात्रों को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का व्यावहारिक अनुभव देने की पहल है. कैन के आकार के छोटे उपग्रह प्रतियोगिता के तहत इंजीनियरिंग और विज्ञान सीखने का अवसर प्रदान करता है. इन-स्पेस और एएसआई द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में छात्र सैटेलाइट का डिज़ाइन, निर्माण, प्रक्षेपण और डेटा संग्रह करेंगे. कैनसैट को छोटे रॉकेट या ड्रोन से लगभग एक किलोमीटर ऊँचाई तक भेजा जाता है और लौटते समय तापमान, दबाव जैसे आंकड़े रेडियो से ज़मीन पर प्रसारित करता है. यह अभियान छात्रों में नवाचार और कौशल विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.

-अमितेश त्रिपाठी की रिपोर्ट

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