लोकगीतों की तरह ही कव्वाली और सूफी गायकी की हमारे देश में महान परंपरा रही है. इनकी शुरुआत तो दरगाहों से हुई. लेकिन अच्छे गायकों की बदौलत ये लोगों के बीच पहुंची और खूब मकबूल हुईनए दौर में कव्वाली और सूफी गायकी को बुलंदी तक पहुंचाया है निजामी बंधुओं ने, जिनका ताल्लुक दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन दरगाह से है. नई जेनरेशन में पंजाब की नूरां बहने भी सूफी गायकी को नए मकाम तक ले जा रही हैं.
Like folk songs, Qawwali and Sufi singing have a great tradition in our country. They started from the dargahs. But due to the good singers, it reached among the people and became very popular.