त्योहारों के मौसम में एक दुर्लभ खगोलीय घटना का संयोग बन रहा है. पितृपक्ष की शुरुआत चंद्रग्रहण से हुई थी और अब इसका अंत सूर्यग्रहण से हो रहा है. यह अद्भुत और दुर्लभ संयोग 122 साल बाद आया है. यह ग्रहण आंशिक होगा और भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहाँ सूतक के नियम लागू नहीं होंगे.