अयोध्या के राम मंदिर में स्थापित राम दरबार की मूर्तियों के निर्माण से जुड़ी एक अद्भुत घटना सामने आई है. मूर्तिकार Prashant Pandey ने खुलासा किया कि जब उन्होंने 40 साल पुरानी एक ही शिला को तराशा, तो 'राम जी मेघवर्ण में और सीता माता गौरवर्ण में' अपने आप प्रकट हुए, जिसे वे एक दैवीय चमत्कार मानते हैं. गुड न्यूज़ टुडे की इस विशेष रिपोर्ट में प्रशांत पांडेय ने बताया कि उनके पिता Satyanarayan Pandey द्वारा बनाई गई रामलला की श्वेत संगमरमर की मूर्ति भी ट्रस्ट के पास सुरक्षित है. इसके अलावा, स्वर्ण शिल्पी Rishabh Vairathi ने राम दरबार के लिए 8-10 किलो चांदी और सोने की परत से बने भव्य सिंहासन के निर्माण की प्रक्रिया साझा की.