दिल्ली पुलिस की न्यायिक अभिरक्षा वाहिनी (एनएवी) दिल्ली की तीन जेलों से सात अदालतों तक कैदियों को ले जाने का काम करती है। तिहाड़, मंडोली और रोहिणी जेलों में 21,000 कैदी बंद हैं, जिनमें से लगभग 90% विचाराधीन हैं। औसतन हर दिन 1200 से 1400 कैदियों को जेल से कोर्ट और वापस ले जाया जाता है। इस दौरान पुलिसकर्मियों को लगातार खतरे का सामना करना पड़ता है, जिसमें चलती वैन में गैंग वॉर और कैदियों को नियंत्रित करना शामिल है। उच्च जोखिम वाले कैदियों के लिए अलग वैन का उपयोग किया जाता है। कोर्ट परिसर में भी सुरक्षा जांच और चौकसी बरती जाती है। कैदियों की पेशी के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) का उपयोग बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। इससे सालाना 39 से 40 करोड़ रुपये का खर्च बच सकता है और जोखिम भी कम होगा।