यह कथा हनुमान जी की भक्ति के महत्व को बताती है, जिससे माता जानकी, भगवान शंकर और श्री राम की कृपा प्राप्त होती है। हनुमान जी की सेवा से ज्ञान मिलता है, संकट दूर होते हैं और अष्टसिद्धियां तथा नव निधियां भी प्राप्त होती हैं, क्योंकि हनुमान जी इन शक्तियों के दाता हैं। कथा में एक भक्त का वर्णन है जिसकी पत्नी मेले में गुम हो जाती है। वह हनुमान जी से प्रार्थना करता है। एक अदालती मामले में, भगवान श्री राम स्वयं रघुनाथ जी के रूप में गवाह बनकर प्रकट होते हैं। उनकी गवाही से भक्त को न्याय मिलता है और सेठ का झूठ सामने आता है। इस चमत्कारिक घटना को देखकर न्यायाधीश इतने प्रभावित होते हैं कि वे अपनी नौकरी छोड़कर महात्मा बन जाते हैं। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि "कलयुग में भी अगर कोई भाव से पुकारना तो भगवान गवाह बनकर के भी प्रकट हो जाते"। यह कथा सच्ची भक्ति की शक्ति और भगवान के भक्तों के लिए हस्तक्षेप करने की संभावना को दर्शाती है।