पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान के बाद वैश्विक सुरक्षा पर एक नई बहस छिड़ गई है, जिसमें उन्होंने अमेरिका द्वारा परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करने की मंशा जताई है. ट्रंप ने दावा किया कि रूस और चीन गुप्त रूप से परीक्षण कर रहे हैं, जिसका दोनों देशों ने खंडन किया है. यह घटनाक्रम जून 2025 में ईरान के परमाणु ठिकानों पर कथित इजरायली हमलों के बाद परमाणु युद्ध के बढ़ते खतरे को रेखांकित करता है. इस संदर्भ में, यह रिपोर्ट परमाणु हथियारों के इतिहास की पड़ताल करती है, जिसकी शुरुआत जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर के मैनहट्टन प्रोजेक्ट से होती है, जिन्हें 'परमाणु बम का जनक' कहा जाता है. यह शीत युद्ध की हथियार दौड़, परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) और व्यापक परीक्षण प्रतिबंध संधि (सीटीबीटी) जैसे अंतरराष्ट्रीय नियंत्रण प्रयासों का विश्लेषण करती है. साथ ही, भारत के 'स्माइलिंग बुद्धा' (1974) और 'ऑपरेशन शक्ति' (1998) परीक्षणों के माध्यम से एक परमाणु शक्ति बनने तथा इसके बाद पाकिस्तान द्वारा किए गए परीक्षणों पर भी प्रकाश डाला गया है. यह रिपोर्ट वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में एक नई परमाणु होड़ की बढ़ती आशंकाओं को उजागर करती है.