आज भारत का सबसे बड़ा त्योहार है और अपने सबसे बड़े त्योहार को हिंदुस्तान पूरी शिद्दत और धूमधाम से मना रहा है. हमेशा की तरह आज़ादी का अमृत सबसे पहले सुबह सवेरे लाल किले के प्रांगण में छलका जहां तिरंगे की शान में भव्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इस समारोह को खास बनाने के लिए एक तरफ़ मेड इन इंडिया होवित्ज़र तोप थी तो दूसरी तरफ़ देश भर के अलग-अलग इलाकों से पहुंचे बच्चे थे. लेकिन ये युवा खाली हाथ नहीं आए थे बल्कि अपने-अपने राज्यों को रंग, उमंग और संगीत को अपनी बाहों में भरकर पहुंचे थे. और राजधानी में आकर जब इन्होंने अपनी बांहें फैलाईं तो इनका जादू लाल किले में मौजूद हर शख्स के सिर चढ़कर बोला. यहां तक की देश के प्रधानमंत्री भी इस जादू से अछूते नहीं रहे. भाषण के बाद पीएम मोदी इन युवाओं के बीच पहुंचे तो इनका उत्साह मानो आसमान छू गए. जिन पीएम को अब तक टीवी पर देखा उन्हें अपने बीच पाकर ये बच्चे खुशी से खिल उठे. लाल किले में समारोह खत्म होने के बाद जीएनटी इन बच्चों से खास मुलाकात की. बच्चों से पीएम ने क्या बात की. पीएम के साथ मिलने का अनुभव बच्चों को कैसा लगा.
On one side there was a Made in India Howitzer cannon and on the other side there were children arriving from different areas across the country. But these youth did not come empty handed but had reached their respective states with colour, enthusiasm and music in their arms. And when he came to the capital and spread his arms, his magic was said by climbing the heads of every person present in the Red Fort.