सनातन उत्सवों, पर्व-त्योहारों का धर्म है. सनातन धर्म में हर ऋतु, हर मौसम, हर मास-दिवस का अपना त्योहारी महत्व है. कार्तिक का महीना सनातन में अत्यंत पवित्र और उत्सवधर्मी माना जाता है. कार्तिक में दिवाली बीत जाने के बाद भी त्योहारों का पावन सिलसिला जारी रहता है. दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा और अन्नकूट का त्योहार आता है. उसके बाद भाई दूज का त्योहार और कार्तिक मास की पूर्णिमा को देव-दीपावली मनाई जाती है. साफ है कि दिवाली बीत जाने के एक पखवाड़े बाद तक उत्सव उमंग का सिलसिला थमता नहीं है. इस खास रिपोर्ट में देखिए दिवाली के बाद मनाए जाने वाले त्योहारों का धार्मिक-पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व.