पाकिस्तान अपनी स्थापना के बाद से ही दूसरों पर आश्रित रहा है, कभी अमेरिका तो कभी चीन के भरोसे रहा है. अब पाकिस्तान अपना कर्ज कम करने के लिए जम्मू कश्मीर रियासत की संपत्तियों को बेच रहा है, जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में स्थित हैं. ये संपत्तियां पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के लाहौर, सियालकोट, रावलपिंडी, झेलम, शेखपुरा और खैबर पख्तूनख्वा तक फैली हुई थीं. 1961 में पाकिस्तान ने एक अध्यादेश के जरिए PoK की संपत्तियों को अपने अधीन कर लिया था. पाकिस्तान भारी कर्ज के बोझ तले दबा है, उसने इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड, सऊदी अरब और चीन से अरबों डॉलर का कर्ज लिया है. हाल ही में इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान PoK को पाकिस्तान मानने से इनकार कर दिया और उसे 'विदेशी क्षेत्र' बताया. कोर्ट में कहा गया कि "आजाद जम्मू कश्मीर एक फॉरिन टेरिटरी है." एक तरफ पाकिस्तान PoK को अपनी रियासत मानने से इनकार कर रहा है और दूसरी तरफ उसकी संपत्तियों को बेच रहा है. पाकिस्तान चीन के हथियारों पर अपनी निर्भरता कम करने की कोशिश कर रहा है और अमेरिका से F-16 लड़ाकू जेट, वायु रक्षा प्रणालियाँ और परमाणु पनडुब्बियां खरीदने की उम्मीद कर रहा है. भारत ने सिंधु जल समझौते को स्थगित करने के बाद पाकिस्तान से जुड़ी नदियों के जलस्तर की जानकारी साझा करना बंद कर दिया है, जिससे पाकिस्तान में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच भी तनाव बढ़ गया है, पाकिस्तान ने सैन्य काफिले पर हमले के बाद अफगानिस्तान सीमा बंद कर दी है.