राम मंदिर के 70 एकड़ परिसर में रामलला के मंदिर और राम दरबार समेत 18 मंदिर हैं जिनका अपना पौराणिक महत्व है. राम मंदिर परिसर में मौजूद इन 18 मंदिरों के बारे में भी जान लीजिए. सप्त मंडपम क्षेत्र है जहां 7 मंदिर मौजूद हैं - इस मंदिर में रामायण काल के चार प्रमुख ऋषि जो सप्त ऋषियों में से भी एक हैं उनको समर्पित है. इन चार ऋषियों में वाल्मिकि, वशिष्ठ, अगस्त्य और विश्वामित्र हैं जिनके मंदिर हैं - इसके अलावा सप्त मंडपम में निषादराज, शबरी और अहिल्या माता का भी मंदिर है. इसके अलावा परकोटा के 6 मंदिर हैं. जिनमें परकोटा के ईशान कोण पर शिवलिंग विद्यमान है. अग्नि कोण में प्रथम पूज्य श्रीगणेश का मंदिर है. दक्षिणी भुजा के मध्य में महाबली हनुमान का मंदिर है. नैरित्र कोण में प्रत्यक्ष देवता सूर्य का मंदिर विद्यमान है. वायव्य कोण में मां भगवती का मंदिर है. तो वहीं उत्तरी भुजा के मध्य में अन्नपूर्णा माता के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होगी. इन 6 मंदिरों के साथ ही परकोटा के दक्षिणी पश्चिमी कोने में शेषावतार प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होगी - राम मंदिर के भूतल में रामलला का मंदिर शोभाएमान है. तो वहीं मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा होगी. परिसर में कुबेरेश्वर महादेव मंदिर की प्रतिष्ठा हो रही है . तो साथ ही गोस्वामी तुलसीदास का मंदिर भी यहां बनाया गया है