प्रस्तुत कथा में राम के महान चरित्र का वर्णन किया गया है। रावण द्वारा माता जानकी को लंका ले जाने के बाद, जब वह उन्हें स्वीकार कराने में असफल रहा, तो मंदोदरी ने उसे राम का रूप धारण करने की सलाह दी। रावण ने बताया कि जब वह राम का रूप लेता है, तो मंदोदरी को छोड़कर सभी स्त्रियां उसे बहन के समान प्रतीत होती हैं। यह राम के चरित्र की महानता को दर्शाता है। कथा में बताया गया है कि राम राज्य की आवश्यकता क्यों है, जहां स्त्रियों को भोग्या नहीं पूज्य माना जाएगा। राम राज्य में माताओं को कदम से कदम मिलाने का साहस प्राप्त होगा। कथा सुनने के महत्व पर भी प्रकाश डाला गया है, जिसमें कहा गया है कि केवल सुनने से नहीं, बल्कि जीवन में उतारने से कल्याण होता है। जीवन की क्षणभंगुरता और कर्मों के महत्व को भी समझाया गया है। यह बताया गया है कि जीवन चार दिन का है और केवल कर्मों की कमाई ही साथ जाती है, धन-दौलत या परिवार नहीं।